Tuesday, February 2, 2016

व्हॉट्स ऍप स्टेटस..Part 6












वो जो हाथ तक से छूने को बे-अदबी समझती थी .. गले लगकर बहुत 

रोयी बिछडने से जरा पहले 






-------------------------------











दुश्मनों के साथ मेरे दोस्त भी आज़ाद हैं देखना है चलाता  है मुझ पे पहला

 तीर कौन






-----------------------------------






सूखते पत्ते ने डाली से कहा, 'चुपके से अलग करना'.. वरना.. 'लोगों का

रिश्तों से भरोसा उठ जायेगा





------------------------------------






दिल चुराना शौक नही पेशा है मेरा, क्या करें " STATUS " ही कुछ ऐसा है 

मेरा.






-----------------------------------






काश मैं लौट जाऊँ बचपन की उन गलियों में , जहां ना कोई ज़रूरत थी, ना

 कोई ज़रूरी था





------------------------------------






तब भी अजनबी थे , आज भी अजनबी है .... बस बीच मे प्यार हो गया था 







----------------------------------








है कोई वकील इस जहान में, जो हारा हुआ इश्क जीता दे मुझको






-----------------------------------







मैं उन लोगों को पसंद करता हूँ जो बुरे समय में भी हँसते हैं.







-----------------------------------








मुद्दत से कोई उसकी छाँव में नहीं बैठा... वो छायादार पेड़ इसी गम में सूख 

गया 






----------------------------------






मेरे हाथ कि लकीरों मे तुम हो की नहीं  पर जिंदगी भर तुम मेरे दिल 

में रहोगी








-------------------------------





RESULT के बाद: न तलवारकी धारसे न गोलियोंकी बौछारसे,

बंदा डरता हे तो सिर्फ अपने बाप की मार से.






--------------------------------






तुझे क्या देखा, खुद को ही भूल गए हम इस क़दर.. कि अपने ही घर आये 

तो औरों से पता पूछकर 






---------------------------------







कोई और तरीक़ा बताओ जीने का... साँसे ले ले कर थक गया हूँ उसके 

बिना 






--------------------------------








बड़े अनमोल है  ये खून के रिश्ते , इनको तू बेकार न कर ,

मेरा हिस्सा भी तू ले ले मेरे भाई , घर के आँगन में दीवार ना कर.






----------------------------------







 क्यों याद करेगा वो बेवजह मुझे ऐ खुदा, लोग तो बेवजह तुम्हे भी याद नहीं 

करते.






-----------------------------







फिर से तेरी यादें मेरे दिल के दरवाजे पे खड़ी हैं वही मौसम, वही बारिश, 

वही दिलकश ‘महीना है







----------------------------






पूछते थे ना कितना प्यार है हमें तुम से, लो अब गिन लो….ये बूँदें बारिश की.






---------------------------






बादलो से कह दो जरा सोच समझकर बरसे, अगर मुझे उसकी याद आ 


गयी तो मुकाबला बराबरी का होगा 






-------------------------------








सुनो.. बहुत गहरा नाता है तुम्हारी उदासी से मेरी उदासी का 







------------------------------






दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है ..... लम्बी है ग़म की शाम मगर 

शाम ही तो है 







------------------------------








इंतजार किया है तेरा इतना वहाँ कि, अब आने जाने वाले हर शख्स कि 


आहटें पहचानता हूँ 






------------------




#पढ़ना लिखना त्याग, नक़ल से रख आस,

ओढ़ #रजाई सो जा बेटा, #रब करेगा पास.🤩





--------------------