Wednesday, May 25, 2016

( ROMANTIC ) व्हाट्स ऍप स्टेटस --पार्ट 56







मेरे  जूनून को ज़ुल्फ के साये से दूर रख..
रस्ते में छाँव पा के मुसाफिर ठहर न जाए. कहीं




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आसमां पे ठिकाने किसी के नहीं होते,,
जो ज़मीं के नहीं होते , वो कहीं के नहीं होते...!




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हम किसी के नखरे पसन्द नहीं करते ...!!😘😘
मुहब्बत के बदले मुहब्बत वरना ‪#‎खुदा_हाफ़िज़‬ ...!!





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कीमत क्या हैं हमारी उसे मालूम नहीं
उसकी ख्वाहिश है कि हम मुफ़्त में हासिल हो जाएँ...




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इस भरी गर्मी मे कुछ तो सुकून आ जाए ..
या वो आ जाए या फिर मानसून आ जाए ....।





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मतलब निकल जाने पर पलट के देखा भी नही तुमने..!
रिश्ता तुम्हारी नज़र में कल का अखबार हो गया





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वजह पूछ मत तू मेरे रोने कि
तेरी मुस्कराहट पे ख़ुशी के दो आंसू गिर गए.




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होंठो पर मेरे सिर्फ...ऊँगली रख कर गए थे वो ...!
और उस दिन के बाद....हम सिर्फ लिखकर बोलते है!




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तू दर्द दे तो मैं उस से भी इश्क करूँ,
एक तेरा शौक है तो एक मेरा जुनून..


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कैसे जिंदा रहेगी तहजीब ज़रा सोचिए....
"पाठशाला से ज्यादा तो मधुशाला हैं शहर में.".!!




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 नजरअन्दाज करने की कोई वजह तो बता
अब कहां कहां खुद में कमियां ढूंढे




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ऐ ज़िन्दगी मुझे तोड़ कर ऐसे बिखेर अब की बार…….
ना खुद को जोड़ पाऊँ मै, ना फिर से तोड़ पाये वो…..!!





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तेरी हर ख़ुशी में ही मेरी ख़ुशी है ...
मोहब्बत हो ...ये जरुरी नहीं है !!



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"मुस्कान के सिवा कुछ न लाया कर चेहरे पर,
मेरी फ़िक्र हार जाती है तेरी मायूसी देखकर "





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मैंने रेत पे लिखे थे मेरे अरमान बिना ये सोचे...
तू तो समंदर है मिटाना तेरी फ़ितरत में है...




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लाख समझाया उसे Ñ@ *मिLa* करो गैरो Sè""""
वो """"हस(-: कर कहने लगे *तुM* भी तो पहले *गैR* थी!..!..!




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कहीं आ के मिटा न दें इंतज़ार का लुत्फ
कहीं कुबूल न हो जाये इल्तज़ा तेरी




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दिए हैं ज़ख़्म तो मरहम का तकल्लुफ न करो….
कुछ तो रहने दो, मुझ पे एहसान अपना……





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"एंड्रॉयड फ़ोन के सिस्टम सी हो चली हो ऐ जिन्दगी तुम.....
जरा सा समझने की कोशिश करता हूँ.. तभी नया वर्जन आ जाता है.....!!!"😀...




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आ देख मेरी आँखों के ये भीगे हुए मौसम , ये किसने कह दिया कि तुझे भूल गये हैं हम...?




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