उम्र लग जाती है अल्फाज़ों को अहसास देने में,
फ़क़त दिल टूटने से कोई शायर नहीं बनता
-----------
देख पगली : इतना ऐतबार तो मैंने अपनी धड़कनों पर भी नहीं किया जितना तेरी बातों पर करता हूँ
---------------
सुनो साहिब #दिल में कौन बसा हैं, ये तो धड़कन ही जानती है....
-----------
भूल सकते हो तो भूल जाओ, इजाज़त है तुम्हें..
न भूल पाओ तो लौट आना , एक और भूल कि इजाज़त है तुम्हें...
------------
खूबियों से ही मोहब्बत हो ये, जरूरी तो नहीं,,
प्यार तो अक्सर, कमियों से भी हो जाता है,,,,,,,🌹
-----------
तेरी धड़कन ही ज़िंदगी का किस्सा है मेरा, तू ज़िंदगी का एक अहम् हिस्सा है मेरा..
मेरी मोहब्बत तुझसे, सिर्फ़ लफ्जों की नहीं है, तेरी रूह से रूह तक का रिश्ता है मेरा
-----------
ये फ़रेब की दुनिया है #पगली
जहां मोहब्बत चेहरे से शुरु होकर , जिस्म में ख़त्म हो जाती है
---------------
ज़िंदगी के मायने तुझसे है... ज़िंदगी की ख्वाहिशें तुझसे है..
तू क्या जाने तू क्या है मेरे लिए... मेरी हर साँस का वजूद तुझसे है
------------
गम में अब वो ज़ब्त नहीं रहा के हम अजनबी हो गये
बज़्म-ए-गम में मेरे वो शरीक़ नहीं होते आजकल
-----------
माना की तेरे दर पे हम खुद चल कर आए थे,
ऐ इश्क #दर्द, दर्द और बस दर्द...
ये कहाँ की मेहमान नवाजी है?
--------------
अगर मेरा हाथ हो किसी के हाथ में , तो वो हाथ तुम्हारा हो
अगर हम जियें किसी के साथ , वो साथ तुम्हारा हो
---------------
🌹नज़्मों में लिखा ग़ज़लों में लिखा
मेरे महबूब ने जब भी लिखा,दिल से लिखा
-----------------
टूटकर बिखर गया दिल , जब उसने कह दिया # गैर
जिसकी खातिर ले लिया था ,हमनें जमाने भर से # बैर
--------
कोई बस गया दिल की, गहराइयों में
मैं, तन्हा नहीं अब तो, तन्हाइयों में
-----------
ये जो हल्की सी फिक्र , करते हो न हमारी..!! बस इसीलिए हम बेफिक्र , रहने लगे है..
-----------
तुम्हारी खुशियों के ठिकाने बहुत होंगे...!!
मगर हमारी बेचैनियों की वजह बस तुम हो.
---------------
ये लाली..ये काजल..ये जुल्फें भी खुली खुली..!
तुम यूँ ही , जान मांग लेती…इतना इंतजाम क्यूँ किया..!!
-----------
तू इतना बता की कैसे जिऊँ तेरे बग़ैर , की दिल कहीं लगता नहीं तेरे बगैर
प्यार है फ़िक्र है , तो ये बेरुखी क्यूँ
लौट आ तुझे तेरे प्यार की क़सम , की हम जान से जायेंगे ,तेरे बग़ैर
-----------
अपनी खामोशी की रिवायत उसने सदा कायम रखी ...
बिछडा भी हमसे तो यह नहीं बताया की वजह क्या थी..।
------------
संग-ए-मरमर से तराशा खुदा ने तेरे शरीर को..
और बाकी जो बचा उससे तेरा दिल बना दिया..
--------
कभी तोड़ा था जिस ने दिल हमारा,
आज मेरी ही पनाहों में आने को मजबूर हो गया ।।
-------------