दुआ कौन सी थी हमें याद नहीं बस इतना याद है, दो हथेलियाँ जुड़ी थी एक तेरी थी एक मेरी थी..
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तेरे बाद हमने दिल का दरवाजा खोला हीनहीं .. वरना बहुत से चाँद आए इस घर को सजाने के लिए
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क़यामत तो तेरी पलकों से ही शुरु होती है
पलकें उठे तो भी क़यामत , और झुकें तो भी क़यामत
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कयामत पे क़यामत किये जा रहे हो , इल्जाम इस मुफलिस पे लगाये जा रहे हो
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कमाल का फन है तुम्हारी चाहत में ,
जिस दिल में रहते हो..उसे ही ज़ख्म देते हो,..!!
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तेरे दिए हर जख्म को सहा हमनें
फिर भी दिल से तुझे निकलने न दिया
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एक साँस भी पूरी नहीं होती , तेरे ख़यालों के बिना,.
तुमने ये कैसे सोचा कि हम जिदंगी गुजार देंगे तेरे बिना
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मैंने कब कहा मुझे गुलाब दे.या फिर मोहब्बत से नवाज दे !
आज बहुत उदास है दिल मेरा , गैर बनके ही सही तू मुझे आवाज़ दे !!
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चाँद सितारों से तेरी बात करते हैं , तन्हाइयों में तुझे याद करते है ,
तुम आओ, या ना आओ, मरजी तुम्हारी , हम तो हर पल, तुम्हारा इंतजार करते है !!
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मोहब्बत तो हम तेरे मना करने के बाद भी करेंगे , पर इस बार बेवफाई तुम नहीं हम करेंगे......
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हमें किस्मत से इतने धोखे ओर यारों से दगाबाजी मिली हैं कि हमें अपनी तस्वीर भी धुंधली सी नजर आने लगी है।
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🌹मैं कुछ कहूँ और तेरा ज़िक्र ना आये , उफ्फ, ये तो तौहीन होगी , तेरी चाहत की ----❤
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मेरी तो आरजू तुझको पाने की थी , हर कोशिश तेरी महफिल सजाने की थी!
समझ न पाये तेरी बेवफाई को , तेरी तो हर अदा मुझको तड़पाने की थी!
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देखो साहिब : सरे आम महफिल में इकरार नहीं अच्छा , सपनों में आकर कहना कि हाँ प्यार है
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🍃आये हो आँखों में तो कुछ देर तो ठहर जाओ🌠
🌠एक उम्र लग जाती है एक ख्वाब सजाने में🍃
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दर्द के सिवा कुछ भी ना दिया , गज़ब के हमदर्द हो आप मेरे 💘
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बड़ी शिद्दत से कोशिश कर रहा हूँ , अब मैं तुम्हे भूलने की
कभी बहुत दिल से दुआ करता था , तुम्हे अपना बनाने की..
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दिल की किताब में गुलाब उनका था , रात की नींद में एक ख्वाब उनका था;
है कितना प्यार हमसे जब यह हमने पूछ लिया , मर जायेंगे बिन तेरे यह जवाब उनका था।
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तू चाँद मैं सितारा होता ...❤❤आसमान में ...एक आशियाना हमारा होता ...❤❤लोग तुम्हें दूर से देखते .........नज़दीक से देखने का हक़ बस हमारा होता....
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सुनो पगले #केवल एक 'तमन्ना' रखती हूँ.....मैं अपने 'दिल' में...'प्यार' से मुझे याद करो.....चाहे 'मुद्दतों' न बात करो"
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