Friday, May 6, 2016

व्हाट्स ऍप स्टेटस --पार्ट 47







लौट आऊँगी फिर से तेरी पनाहों में ,,ऐ ज़िन्दगी ,,
बाज़ार-ए-इश्क़ में , मुझे पूरी तरह लुटने तो दे पहले



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जीते जी मेरी यादों को भूलना इतना आसान नहीं , मरकर भी भुला पाओगी इस पर मुझे यकीन नहीं 


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हम से ‪#‎Sєттiиg‬ की ‪#‎Waiting‬ ना कर पगली , हम तो ‪#‎Dαу_Bу_Dαу_Uρdαтє‬ होते रहते है..




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एक खिलौना टूट जाएगा नया मिल जाएगा , मैं नहीं तो कोई तुझ को दूसरा मिल जाएगा
भागता हूँ हर तरफ़ ऐसे हवा के साथ साथ , जिस तरह सच मुच मुझे उस का पता मिल जाएगा।



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दिल लगाओ तो जुदा होने की हिम्मत भी रखना , क्यूंकि जिंदगी में तकदीर के साथ सौदे नहीं होते..!!



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बेबजह के ख्याल और क्या देखने को बाकी है , आपसे दिल लगाकर देख लिया



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सबब रोने का अगर पूछे वो, तो फक़त इतना कह देना , मुझे हँसना नहीं आता, जहाँ पर "वो" नहीं होते...!



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जो थी तुम्हारी आँख में वो राह , नहीं  मिली ऐसा नहीं  था , कोई निगाह नहीं  मिली 



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मर्ज़ी से जीने की बस ख्वाहिश की थी मैंने , और वो कहते हैं कि खुदगर्ज़ बन गए हो तुम



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आओ किसी शब मुझे टूट के बिखरता देखो ; मेरी रगों में ज़हर जुदाई का उतरता देखो
किस किस अदा से तुझे माँगा है खुदा से , आओ कभी मुझे सजदों में सिसकता देखो।



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मसरूफ़ रहने का अंदाज़ तुम्हें तनहा ना कर दे...रिश्ते फ़ुर्सत के नहीं तवज्जो के मोहताज होते हैं...



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रात भर फोन की डिस्प्ले पे चलाई उँगली , उनके रुख़सार से जुल्फ़ों को हटाने के लिए



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💐क्रोध हवा का वह झोंका है ,जो ..बुद्धि के... दीपक को बुझा देता है





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जब रूह किसी बोझ से थक जाती है , एहसास की लौ और भी बढ़ जाती है;
मैं बढ़ता हूँ ज़िन्दगी की तरफ लेकिन , ज़ंजीर सी पाँव में छनक जाती है।



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समझने वाले कितने हैं उससे मतलब नहीं...मतलब उससे है समझने की कोशिश कितनों ने की...!



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जादू है उसकी हर एक बात मे , याद बहुत आती है उसकी रात में ,
कल रात जब देखा था मैने सपना , तब भी उसका ही हाथ था मेरे हाथ में..!



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उसको पायल पहना कर हाथों को चूमना , इबादत सी एक ख़्वाहिश.. महबूब की मुहब्बत में..



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अगर है गहराई तो चल डुबा दे मुझ को , समंदर नाकाम रहा अब तेरी आँखो की बारी है


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हमें हमारे डूबने का डर हो भी तो क्यों होगा भला , कश्ती तेरी, दरिया तेरा, लहरें तेरी और हम भी तेरे...।



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गजब की धूप है शहर में तेरे ....फिर भी लोगों के चहेरे साफ नज़र नहीं
आते....


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