शेर को सवा शेर कहीं ना कहीं ज़रूर मिलता हैं.. और रही बात हमारी तो हम तो बचपन से ही सवा शेर हैं.
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_इज्जत से रहोगे तो #_जान_लुटा देंगे ..
अगर #_क्रॉस मे जाओगे तो #_तुफान_उठा देगें.
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बहुत मन हो रहा है आज तुझ को छूने का
हो सके तो आज कुछ पल के लिये मुझे हवा बना दे..
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#दुनिया हमारे "#शौक " की "नही"
"#नाम "की "#दीवानी"है
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जिसदिन अपना इक्का चलॆगा, उस दिन बादशाह तो क्या, उसका घमंड अपना गुलाम बनेगा
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तेरी मेरी जोड़ी ना मिलेगी छोरी , क्यूंकि जिस attitude की तु बात करती है , उससे ज्यादा वजनदार तो हम जूते पहनते हैं.
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रोते रहे तुम भी, रोते रहे हम भी,
कहते रहे तुम भी और कहते रहे हम भी,
ना जाने इस ज़माने को हमारे इश्क़ से क्या नाराज़गी थी,
बस समझाते रहे तुम भी और समझाते रहे हम भी
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💞 *तुम चैन हो करार हो मेरा इश्क हो मेरा प्यार हो..*
*बरसों किया मैंने जिसका तुम वो ही इंतज़ार हो..*
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गैरो के यहाँ तेरी इनायत से है सैराब,
ए काश,
ये बादल मेरी दुनिया पे भी बरसे..
❤
❤
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तेरे करीब आकर बडी उलझन में हूँ, मैं गैरों में हूँ या तेरे अपनो में हूँ !
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वो जिसकी याद मे हमने खर्च दी जिन्दगी अपनी।
वो शख्श आज मुझको गरीब कह के चला गया
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कितना भी पढ़ लिख लो...but किसी भी .ऑफिस के दरवाजे पे PUSH या PULL पढ़कर दो सैकन्ड सोचना पडता है....
के खींचना है कि धकेलना है....
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हाल मेरा भी कहा अच्छा था उससे बिछडने के बाद।
तन्हाई सोने नही देती और उसकी याद मुझे रोने नही देती.
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तुम्हारा दीदार और वो भी आँखों में आँखें डालकर... उफ्फ्फ्फ्फ़....
ये कशिश कलम से बयाँ करना भी मेरे बस की बात नही....
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उसके दिल मे थोड़ी सी जगह मांगी थी,
एक मुसाफिर🚶की तरह.....
उसने तन्हाईयो का एक शहर🏠मेरे नाम कर दिया💔 !!
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दिल ❤तो आशिक😍 के पास👐 रहता है,
👉हम🚶🏼 तो “भाई लोग”😎 है जिगर 🔫रखते है, जिगर.
👉हम🚶🏼 तो “भाई लोग”😎 है जिगर 🔫रखते है, जिगर.
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मुझे #खैरात में मिली #खुशियां अच्छी नहीं लगती...
-मैं अपने गमों में भी रहता हूँ .#बादशाहो
कि तरह......
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चिराग था नहीं गर तो क्यूँ जलती रही मैं
क्यूँ तेरी आवारगी पे सुलगती रही हूँ मैं ....
जज़्बातों की उड़ान ने पंखों को दी है मात
जज़्बातों की उड़ान ने पंखों को दी है मात
फिर क्यों तेरे आगे सिमटती रही हूँ मैं ....
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कितनी पाक होती है बचपन की मोहब्बत....
ना जिस्मों की चाहत ना दौलत का लालच..!!
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धुंआ बनाके फिजा में उडा दिया मुझको.....
कि मैं जल रहा था किसी ने बुझा दिया मुझको......