प्यार से गुनगुना तो लूँ मैं तुम्हें..लेकिन डर है मेरी आवाज़ महक ना जाये कहीं...
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कल का वादा न लो कौन जाने की कल !! किस को चाहूँ किसे भूल जाना पड़े !!
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गलियाँ , आज भी इस सोच में ग़ुम हैं ..
उसने कैसे .. नए हाथ को थामा होगा ..!!
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खुदाबंदा ! मेरी गुमराहियों पर दरगुजर फरमा !
मैं उस माहौल में रहता हूँ जिसका नाम दुनियाँ है.
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न जाने क्या जादू है , उसके #पाक इश्क और #अदाओं में............!!
बेफिक्र हूँ #ज़माने से और , मशरूफ हूँ उसकी #मोहब्बत में...........!!
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मेरा दिल एक मासूम सा बच्चा , तुझे सोचता है एक शरारत की तरह
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यूँ सामने आकर ना बैठो ,मेरे सब्र तो सब्र है , हर बार नहीं होता!!!
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एहसास ए मुरव्वत से ना-आशना लोग , ज़हर लगते हैं जब मोहब्बत की बात करते हैं
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काश तेरा घर मेरे घर के बराबर होता , तू न आती तेरी आवाज तो आती रहती
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सुना है मिल के चलने से मुक़द्दर जग जाते हैं , यही बात आज़माने को चलो एक साथ चलते हैं
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खिड़की खुली रह गयी मेरे घर की , तभी तो खुशबू आ रही है मेरे प्यार की
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मेरे दिल के पास खुद को महसूस कर , में तेरी हूँ आ पास आ मुझे प्यार कर
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चलते तो है वो साथ पर अंदाज देखिए..जैसे इश्क करके वो एहसान कर रहें है…
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सवाल ये था की मेरा महबूब कैसा है , जवाब ये है की मेरा ईश्क लाजवाब है ..
ना वो चांदी है ना सोना है वो बस , मेरा दिल है जो मुझमे धड़कता है
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काफिर बन गया हूँ तेरे प्यार में , सजदा करूँ क़े ना करूँ जाना
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सुना है जिंदगी इम्तेहान लेती है दोस्तों, पर यहां तो इम्तेहानों नें जिंदगी ले ली
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ना था कोई हमारा न हम किसी के हैं , बस एक खुदा है और हम उसी के हैं
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अब तेरी आखो में आँसू क्यों है पगली , जब छोड़ ही दिया तो भुला भी दिया होता
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हथेलियों पर मेहंदी का जोर ना डालिये , मिट जायेगी लकीर मेरे नाम की
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यकीन नहीं है! !!पर आज भी यह लगता है! !! मेरी तलाश में वो आज भी है !!
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