प्रसिद्ध हास्य कवि गोपाल प्रसाद व्यास की
******** साली*********
पर अत्यंत मशहूर कविता के कुछ अंश
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तुम जलील कहो, अश्लील कहो
चाहे तो खुलकर गाली दो !
तुम भले मुझे कवि मत मानो
मत वाह वाह की ताली दो !
पर मैं तो अपने मालिक से
हर बार यही वर मांगूंगा-
तुम गोरी दो या काली दो
भगवान मुझे इक साली दो !
सीधी दो नखरों वाली दो
साधारण या कि निराली दो,
चाहे बबूल की टहनी दो
या चम्पे की डाली दो !
पर मुझे जनम देने वाले
यह मांग नहीं ठुकरा देना –
असली दो या जाली दो
भगवान मुझे इक साली दो !
वह यौवन भी क्या यौवन है
जिसमें मुख पर लाली न हुई,
जुल्फें घूंघर वाली न हुई
आँखें रस की प्याली न हुई !
वह जीवन भी क्या जीवन है
जिसमें मनुष्य जीजा न बना
वह जीजा भी क्या जीजा है
जिसके छोटी साली न हुई !
तुम खा लो भले प्लेटों में
लेकिन थाली की और बात,
तुम रहो फेंकते भरे दाँव
लेकिन खाली की और बात !
तुम मटके पर मटके पी लो
लेकिन प्याली की और बात !
पत्नि को हरदम रखो साथ,
लेकिन साली की और बात !
पत्नि केवल अर्धांगिनी है
साली सर्वांगिनी होती है,
पत्नी तो रोती ही रहती
साली बिखेरती मोती है !
साला भी गहरे में जाकर
अक्सर पतवार फेंक देता
साली जीजा जी की नैया
खेती है, नहीं डुबोती है !
साली है पायल की छम छम
साली है चम चम तारा सी,
साली है बुलबुल सी चुलबुल
साली है चंचल धारा सी !
यदि इन उपमाओं से भी कुछ
पहचान नहीं हो पाए तो,
हर रोग दूर करने वाली
साली है अम्रतधारा सी !
साली तो रस की प्याली है
साली क्या है रसगुल्ला है,
साली तो मधुर मलाई सी
अथवा रबड़ी की कुल्ला है !
पत्नी तो सख्त छुआरा है
हरदम सिकुड़ी ही रहती है
साली है फांक संतरे की
जो कुछ है ख्ल्लमखुल्ला है !
साली चटनी पुदीने की
बातों की चाट जमाती है
साली है दल्ली का लड्डू
देखो तो भूख बढाती है !
साली है मथुरा की खुरचन
रस में लिपटी ही आती है
साली है आलू का पापड़
छूते ही शोर मानती है !
मुझको ही देखो साली बिन
जीवन खाली सा लगता है,
सालों का जीजाजी कहना
मुझको गाली सा लगता है !
यदि प्रभु के परम पराक्रम से
कोई साली पा जाता मैं,
तो भला हास्य रस में लिख कर
पत्नी को गीत बनाता मैं ?
😜😛😛😛😜😇😇
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