"इक बार गले मिलकर....... रोने जो दिया होता
इक पल तो मोहब्बत को...... मैंने भी जिया होता" ❤ 😯
वो कोई और था जिसे मोहब्बत थी मुझसे ,
चेहरा वही लेकिन किरदार बदल लिया उसने
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सिर्फ़ ख़ंजर ही नहीं आंखों में पानी चाहिए
ऐ खुदा दुश्मन भी मुझको ख़ानदानी चाहिए
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एक ही दास्तान-ए-शब , एक ही सिलसिला तो है
एक दिया जला हुआ एक दिया बुझा हुआ है ...!!
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फीकी है हर चुनरी... फीका हर बन्धेज...
जो रंगता हैं रूह को... वो असली रंगरेज़...
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बहुत हुई #नादानियाँ कुछ #समझदारी करें आज
आ #मिल कर बैठें और खोलें दिल के #राज
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अपने किस किस राज को बेपर्दा करूं ,
जिस उम्र में अक्ल आती हैं उस उम्र में मोहब्बत कर बैठे...
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माना की दूरियां कुछ बढ़ सी गयीं हैं लेकिन, तेरे हिस्से का वक़्त आज भी तनहा गुजरता है...!!
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कागज़ों पे लिख कर ज़ाया कर दूं, वो शख़्स नही.. मै वो शायरहूँ जिसे दिलों पे लिखने का हुनर आता है..
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बेमौत मार डालेंगी ये होशमन्दियाँ ....जीने की आरज़ू है तो धोखे भी खाइये..
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अब इस ज़िँदगी को थोड़ा सुकुन चाहिए...,पगली ...मुझे 'तू' और सिर्फ 'तू' चाहिए...!
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बहुत पीछे तक झाँककर देखना पड़ता है ज़िन्दगी मैं "उसको"
अलफ़ाज़ जब भी बेहतर उतारने होते हैं कागज़ पर मुझे......
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पत्थर सा जिगर चाहिए ,साहिबा , ये इश्क है - - -टूटना है, और टूटते ही जाना है ।
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जिस जिस ने मुहब्बत में, अपने महबूब को खुदा कर दिया, खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए, उनको जुदा कर दिया.
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पगले तू अभी और भी तनहा होगा...,मैं अब और भी याद आने वाली हूँ!
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खाली कागज से दिल पर खुदा को इक खत लिखा है
उसे हकीकत में भेज , जो बस ख्वाब में मिला
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💘अकेले ही🚶 गुज़रती है ज़िन्दगी , लोग तसल्लियां तो देते हैं पर 💔साथ नहीं !!..💞
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सुनो पगले बस इतने से अल्फाज कहने है तुमसे... _ _ . ख्याल रखा करो अपना...अच्छे लगते हो हमें.
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"इक बार गले मिलकर....... रोने जो दिया होता
इक पल तो मोहब्बत को...... मैंने भी जिया होता" ❤ 😯
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मोहब्बत ख़त्म है लेकिन अभी रिश्ता नहीं टूटा
कि जितना टूटना था दिल, अभी उतना नहीं टूटा ।
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अर्थ लापता हैं या फिर शायद #लफ्ज खो गए हैं...!
रह जाती है मेरी हर बात क्यूँ इरशाद होते होते....!! 📖
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तकदीरें बदल जाती है, जब ज़िन्दगी का कोई मकसद हो , वरना ज़िन्दगी तो कट ही जाती है, तकदीर को इल्जाम देते देते..
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पिला दे आज खोल के सारे मयखाने की बोतलें
अगर भूल गया उस पगली🏻 को, खरीद लूँगा मयखाने को....
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