Wednesday, April 13, 2016

व्हाट्स ऍप स्टेटस --पार्ट 34






मुझे आजमाने वाले शख्स तेरा शुक्रिया
मेरी काबिलियत निखरी है तेरी हर आजमाइश के बाद..


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बातों की तह तक जाते हो!
ढूँढ के आख़िर क्या लाते हो?



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हिला के रख देता है इंसान की बुनियाद..
कमबख़्त इश्क भी किसी जलजले से कम नहीं..



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ना मेरा प्यार कम हुआ, ना उनकी नफरत..
अपना अपना फर्ज था, दोनों अदा कर गये..



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नफरत और प्यार की जंग में हार गया दिल 
अब टूटे हुए दिल को कहाँ ले जाएं हम



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चल आ तेरे पैरों पर मरहम लगा दूं ऐ# मुक़द्दर
कुछ चोटें तुझे भी आई होगी,
मेरे सपनों को ठोकर मारकर !!!!!




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सुन पगली : तुम्हें छेड़नें का मन करता हैं , छोड़ने का नहीं…


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 कुछ नहीं मिला इश्क़ के समंदर में
सिर्फ डूबना ही लिखा है भंवर में



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हमने भी मुआवजे #की अर्जी  डाली #है साहब
उनकी यादों #की बारिश ने  काफी नुकसान पहुँचाया #है



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काश वह पल  ही नहीं हो की जिस पल में नजर तू न आये। और ऐसा पल आये तो उस पल मैं हम मरजाये




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लौट आओ वो हिस्सा लेकर, जो साथ ले गये थे तुम..
इस रिश्ते का अधूरापन अब अच्छा नहीं लगता....!!




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रात पास बैठी थी खामोश , मेरे साथ हमेशा की तरह
कोई और भी था हमारे बीच , एक हज़ार मीलों का ख्वाब




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तन्हाई का ये आलम और इंतज़ार की ये रात
दोनों कब ख़त्म होंगे पता नहीं



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नहीं जानते क्या हैं ‪#‎रिश्ता‬ तुमसे मेरा......
 ‪#‎मन्नतों‬ के हर धागे में एक ‪#‎गाँठ‬ तेरे नाम की ‪#‎बाँधते‬ हैं अब हम.!!


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मन्नत के तावीज की तरह पहन लेते हैं तुझे हम
सुना है खुदा  के दर पर मन्नतें पूरी होती है



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मेरे घर के आईने टूटे.. मुझसे ना उम्मीद होकर..
मैं आईनों से ज्यादा टूटा.. उसके करीब होकर.




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ज़िंदगी क्या है जान जाओगे..रेत पर ला के मछलियाँ रख दो...ll.




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हलकी सी हो चुकी ये नाज़ुक पलकें मेरी
मुद्दतों बाद इन नज़रों से गिरा है  कोई ..




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तुम रूठ जाओगी तो मैं मना लूंगा,
.पर इसका मतलब ये नहीं की
.तुम रोज ‪#‎बन्दरिया‬ जैसा मुह बनाकर बैठ जाओ..




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‪#‎कुछ_तो_बात_है_तेरी_फितरत_मे‬
ऎ दोस्त
‪#‎वरना_तुझको_याद_करने_की_खता_हम_बार‬-बार_न_करते....



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खुशियों की नीलामी कर के आया हूँ...
मजबूरी की बोली सबसे ऊँची थी...



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