Wednesday, April 13, 2016

व्हाट्स ऍप स्टेटस --पार्ट 35






कुछ किस्से दिल में...कुछ कागजों पर आबाद रहे...
बताओ कैसे भूलें उसे...जो हर साँस में याद रहे........



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फ़कीराना तबियत है हमारी .. मिले तो बाँट लेते हैं..!
हमसे दुआओं की..जमाखोरी नहीं होती..!!



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तुम मुझमें पहले भी थे , तुम मुझमें अब भी हो , फर्क बस इतना है...
पहले मेरे लफ़्ज़ों में थे, अब मेरी खामोशियों में हो..!!!!



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वफ़ा करना सीख भी लो इश्क की नगरी में 
सिर्फ दिल लगाने से दिलों में घर नहीं बनते  



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बारिश में रख दो इस जिंदगी के पन्नों को, ताकि धुल जाए स्याही 
ज़िन्दगी फिर से लिखने का मन करता है कभी- कभी. 



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इन आँखों में तेरे इंतज़ार के सिवा कुछ बाकी नहीं...!
जान बाकी है मगर जीने की तमन्ना बाकी नहीं...!!



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 ना लफ़्ज़ों में लहू निकलता है ना किताबें बोल पाती है,
मेरे दर्द के दो ही गवाह थे और दोनों ही बेजुबां निकले ---!!



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इस तरह ज़िंदगी ने दिया है हमारा साथ 
जैसे कोई निबाह रहा हो रक़ीब से




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‪#‎तुम्हारा‬ सिर्फ़ हवाओं पे ‪#‎शक़‬ गया होगा,
‪#‎चिराग़‬ ख़ुद भी तो जल-जल के ‪#‎थक‬ गया होगा.




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जहाँ रोज छोड़ने की बाते हो दोस्तों 
समझ जाना वहाँ प्यार नही खेल हो रहा है



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‪#‎अजब‬ 👩तेरे नखरे ‪#‎गजब‬ तेरा
👺‪#‎स्टाईल‬ 
👃‪#‎नाक‬ पोछने की 
‪#‎taMiz‬. Nhi. Or
हाथ में ‪#‎मोबाइल‬🙊


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‪#‎अजब‬ पहेलियां हैं हाथों की लकीरों में..‪#‎सफर‬ ही सफर लिखा है # हमसफर कोई नहीं..



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‪#‎अजब‬ _मुकाम_पर आ ठहरा है
‪#‎काफिला_जिदंगी_ka‬,
‪#‎सुकून‬ ढूंढने निकले थे
‪#‎नीदं_भी_गंवा_बैठे‬ 



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"कुछ ‪#‎अजीब‬ सा रिश्ता है 
उसके और मेरे दरमियां
"जब भी मिलता है 
‪#‎पलके‬ झुक जाती है...!!!.



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‎रात‬ की ‪#‎खामोशियों‬ में भी ‪#‎अजब‬ सा ‪#‎शोर‬ होता है ‪#‎सुन‬ बस वही ‪#‎पाता‬ है जो ‪#‎दर्द‬ के ‪ज्यादा‬ ‪#‎करीब‬ होता है




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‪#‎अज़ब‬ माहौल है मेरे ' ‪#‎मुल्क‬ ' का, #‎मज़हब‬ ‪#‎थोपा‬ ‪#‎जाता‬ है, ' ‪#‎इश्क‬ 'रोका जाता है ......!!!




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किसके हैं हम...? बस तुम्हारे ही तो हैं" ,
उसके ये अलफ़ाज़ झूठे; मगर गज़ब के थे 



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चाय के उस प्याले के भी क्या ठाठ हैं
सवेरे होते ही तेरे होंठों को चूम लेता है…




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अगर ये सच है
की हर लङकी पैसो पर नही मरती
तो ये भी सच है की
हर लङका जिस्म पर नही मरता।


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मेरे ज़िस्म से उसकी खुशबू आज भी आती है 
 बड़ी फुर्सत से कभी गले लगाया था मैंने उसे 



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