Monday, January 18, 2016

पास रहकर, जुदा सी लगती है





पास रहकर जुदा सी लगती  है ,
जिंदगी बेवफा सी लगती है,


मैं तुम्हारे बगैर भी जी लूँ 

ये दुआ बद्दुआ सी लगती है ,


नाम उसका लिखा है आँखों में

आसुओं की ख़ता सी लगती है,


वो भी इस , तरफ से गुज़रा है 

ये ज़मी आसमां, सी लगती है ,


प्यार करना भी जुर्म है शायद 

आज दुनिया खफ़ा सी लगती है, 


पास रहकर जुदा सी  लगती है 

जिंदगी बेवफा सी लगती है !!

"बशीर  बद्र "

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