पास रहकर जुदा सी लगती है ,
जिंदगी बेवफा सी लगती है,
मैं तुम्हारे बगैर भी जी लूँ
ये दुआ बद्दुआ सी लगती है ,
नाम उसका लिखा है आँखों में
आसुओं की ख़ता सी लगती है,
वो भी इस , तरफ से गुज़रा है
ये ज़मी आसमां, सी लगती है ,
प्यार करना भी जुर्म है शायद
आज दुनिया खफ़ा सी लगती है,
पास रहकर जुदा सी लगती है
जिंदगी बेवफा सी लगती है !!
"बशीर बद्र "
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