ब्लॉगर :महेश जाँगिड़
तलब की राह में पाने से पहले खोना पड़ता है
बड़े सौदे नज़र में हों तो छोटा होना पड़ता है
जुबां देता है जो ए दर्द तेरी बेज़ुबानी को
उसी आंसू को फिर आँखों से बाहर होना पड़ता है
मोहब्बत ज़िन्दगी के फैसलों से लड़ नहीं सकती
किसी को खोना पड़ता है किसी का होना पड़ता है
- वसीम बरेलवी
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